बिहार में तमाम राजनितिक उठापटक के बीच देश का तीसरा मुख्य विपक्ष बनने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी के बिहार के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सुभम उपाध्याय ने भी बिहार की सियासत के उलटफेर पर तंज कसते हुए नितीश कुमार सहित राजद पर जम हमला बोला है सुभम उपाध्याय ने नितीश कुमार पर बरसते हुआ कहा की बिहार में जिस प्रकार की राजनीतिक गतिविधियां जदयू की हो रही है वह काफी शर्मनाक है कुर्सी के चक्कर में नीतीश कुमार इतना गिर गए हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने पर भी जरा भी नहीं सोच रहे हैं जिस राजद को पानी पी पीकर गाली देने का काम नीतीश कुमार ने किया उससे पहले भी चारा घोटाला के आरोपी लालू यादव के बारे में जितना बुरा भला बोला था फिर आज उसी से मेलजोल बढ़ा कर सरकार बनाने जा रहे हैं, इससे ज्यादा शर्म की बात नीतीश कुमार के लिए क्या हो सकती है कि वह जिसके साथ चाहते हैं उसके साथ मेल मिलाप कर सरकार बना लेते हैं चुनाव आता है तो दम भर गालियां देते हैं चुनाव खत्म होने के बाद वह जिसके साथ चाहे ननद भौजाई वाला रिश्ता अपना कर बैठ जाते हैं नीतीश कुमार ने जिस प्रकार बिहार का भविष्य बर्बाद किया है यहां की जनता के साथ धोखा किया है जिन लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया है वह क्षमा योग्य नहीं है और बिहार की जनता जल्द ही इन्हें जवाब देगी, नीतीश कुमार बिहार का थूकचटवा मुख्यमंत्री है जिसे अपने स्वाभिमान का कोई मोल नहीं है, कुर्सी के चक्कर में पड़कर नीतीश कुमार ने बिहार के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है लेकिन बिहार की जनता इस बार पूरे मूड में है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को ताश के पत्तों की तरह उखाड़ कर बिहार से फेंक देगी , वैसे भी बिहार में कभी जदयू तो कभी राजद तो कभी भाजपा के बीच जो इलू इलू का खेल पिछले तीन दशक से चल रहा है उसने बिहार का बंटाधार कर दिया है, इस बात में कोई शक नहीं की बिहार के लोकतंत्र का दुसासन है नितीश कुमार , शिक्षा को गर्त में डालकर बिहार का भविष्य बर्बाद किया है नीतीश कुमार ने
वही अपराध अपने चरम पर है कोई ऐसा दिन नहीं है कि बिहार में अपराध ना होता हो ,वैसे भी लालू के जंगलराज के बाद नीतीश ने ही मोर्चा संभालने का काम किया है, लोकतंत्र को अस्थिर करने का कार्य जिस प्रकार नीतीश कुमार ने किया है वह कहीं से ठीक नहीं है अगर भाजपा के साथ सरकार में खटास थी तो मेलजोल बढ़ाने की जरूरत क्या पडी, अगर राजद इतनी बुरी थी तो आज मिलकर सरकार बनाने की जरूरत क्या पड़ी है मतलब साफ है कि कुर्सी कुमार को सिर्फ कुर्सी से मतलब है वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए किसी के भी साथ गठबंधन कर सकते हैं, मैं सीधे-सीधे नीतीश कुमार को यह चुनौती देते हुए कहता हूं कि अगर नीतीश कुमार में दम है तो अपने बूते बिहार में सरकार बनाकर दिखाएं नहीं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हो चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में राजद जदयू और भाजपा कांग्रेस का खेल खत्म हो जाएगा!