जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। बता दें कि हाल ही में कन्हैया कुमार ने इस बारे में राहुल गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई थीं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के पास कन्हैया कुमार के लिए प्लान है, जिसपर अमल किया जाएगा। वहीं कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कन्हैया सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं रहेंगे उन्हें पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भी मैदान में उतार सकती है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी से पहले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने माहिर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की थी।
पर्दे के पीछे प्रशांत किशोर कर रहे काम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को राय दी थी कि पुराने नेताओं का असर अब कांग्रेस पार्टी में समाप्त हो गया है इसलिए अब युवाओं को मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई कन्हैया और जिग्नेश की एंट्री से की जा सकती है। कन्हैया कुमार बीते डेढ़ सालों से राजनीति में कम ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि कन्हैया का भाषण देने का अंदाज वोटरों को लुभा सकता है।
बिहार कांग्रेस के कई नेता मौन
हालांकि इन अटकलों पर बिहार कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहा है। बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता कन्हैया की संभावित एंट्री से अपनी वैल्यू कम होने की आशंका जता रहे हैं। बता दें कि इससे पहले कन्हैया कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता अशोक चौधरी से भी मुलाकात की थी। उनकी इस मुलाकात की भी सियासी गलियारों में काफी चर्चा हुई थी। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।
अपनी ही पार्टी से नहीं बन रही कन्हैया कुमार की
बता दें कि फरवरी में हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी। इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। बैठक में पार्टी के 110 सदस्य मौजूद थे जिसमें तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। इस घटनाक्रम के बाद कन्हैया की जदयू नेता से मुलाकात को अहम माना जा रहा था। बता दें कि कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था।