तक़रीबन तीन माह बाद आज प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा हुआ ,आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तरप्रदेश में प्रधानमंत्री प्रचार कार्यो में जुट गए है ,जहाँ कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते सभी नेता दिखे ,तो वही बेपरवाह वहाँ जनता दिखी , सबसे खाश रहे प्रधानमंत्री ने खुद मास्क नहीं लगाया था ,कोरोना पर लम्बी लम्बी वाले लोग आज खुद ही अपना मजाक बना रहे थे, अप्रैल माह में बंगाल विधानसभा चुनाव में जनसभाओं में शामिल हुए थे। अप्रैल के अंतिम हफ्ते में भी उन्होंने रैली की थी लेकिन वो कोरोना के कारण वर्चुअल हुआ था। मई माह में पीएम मोदी ने काशी के कोरोना वॉरियर्स के साथ ऑनलाइन संवाद किया था। कोरोना संकट काल के कारण करीब तीन माह बाद बृहस्पतिवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री जनता से सीधे रूबरू हुए।
इस साल पहली बार काशी आए प्रधानमंत्री ने जनसभा में खुलकर यूपी सरकार की तारीफ की। कहा कि जब समय का अभाव होता है तो मुझे कई बार सोचना पड़ता है कि यूपी के कौन से विकास कार्यों की चर्चा करूं, कौन से कार्यों को छोडूं। यूपी में विकास कार्यों की लिस्ट इतनी लंबी है कि वह जल्दी खत्म नहीं होगी।
गैर भाजपा सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए पीएम ने कहा कि यूपी के लिए पहले भी योजनाएं तैयार होती थीं, लेकिन 2017 से पहले दिल्ली की तेजी पर लखनऊ से रोड़ा लग जाता था। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में सरकार आज भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद से नहीं विकासवाद से चल रही है। प्रधानमंत्री जनसभा के दौरान पूरी तरह से सियासी मिजाज में नजर आए। कोरोना की दूसरी लहर में यूपी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।
अपने भाषण में छह बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आठ बार यूपी सरकार के काम की तारीफ की। पीएम ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी हर काम पर बारीकी से नजर रखते हैं और उस काम को खुद ही संभालते हैं। उन्होंने कहा, सीएम योगी काशी से लेकर पूरे प्रदेश में हो रहे कामों की निजी तौर पर निगरानी करते हैं। यही कारण है कि देश के अग्रणी इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में यूपी उभर रहा है। कुछ साल पहले तक जिस यूपी में व्यापार-कारोबार मुश्किल था, वह मेक इन इंडिया के पसंदीदा जगह बन रहा है।
अप्रैल माह में बंगाल विधानसभा चुनाव में जनसभाओं में शामिल हुए थे। अप्रैल के अंतिम हफ्ते में भी उन्होंने रैली की थी लेकिन वो कोरोना के कारण वर्चुअल हुआ था। मई माह में पीएम मोदी ने काशी के कोरोना वॉरियर्स के साथ ऑनलाइन संवाद किया था। कोरोना संकट काल के कारण करीब तीन माह बाद बृहस्पतिवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री जनता से सीधे रूबरू हुए।
इस साल पहली बार काशी आए प्रधानमंत्री ने जनसभा में खुलकर यूपी सरकार की तारीफ की। कहा कि जब समय का अभाव होता है तो मुझे कई बार सोचना पड़ता है कि यूपी के कौन से विकास कार्यों की चर्चा करूं, कौन से कार्यों को छोडूं। यूपी में विकास कार्यों की लिस्ट इतनी लंबी है कि वह जल्दी खत्म नहीं होगी।
गैर भाजपा सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए पीएम ने कहा कि यूपी के लिए पहले भी योजनाएं तैयार होती थीं, लेकिन 2017 से पहले दिल्ली की तेजी पर लखनऊ से रोड़ा लग जाता था। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में सरकार आज भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद से नहीं विकासवाद से चल रही है। प्रधानमंत्री जनसभा के दौरान पूरी तरह से सियासी मिजाज में नजर आए। कोरोना की दूसरी लहर में यूपी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।
अपने भाषण में छह बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आठ बार यूपी सरकार के काम की तारीफ की। पीएम ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी हर काम पर बारीकी से नजर रखते हैं और उस काम को खुद ही संभालते हैं। उन्होंने कहा, सीएम योगी काशी से लेकर पूरे प्रदेश में हो रहे कामों की निजी तौर पर निगरानी करते हैं। यही कारण है कि देश के अग्रणी इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में यूपी उभर रहा है। कुछ साल पहले तक जिस यूपी में व्यापार-कारोबार मुश्किल था, वह मेक इन इंडिया के पसंदीदा जगह बन रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चार साल में आधुनिक यूपी ने वैश्विक पहचान बनाई है। मेक इन इंडिया में भी यूपी की भूमिका बढ़ी है। विकास परियोजनाओं का सीधा लाभ जनता को मिल रहा है और उससे जीवन आसान हो रहा है। उन्होंने कहा, दुनिया के अनेक बड़े-बड़े निवेशक आत्मनिर्भर भारत के महायज्ञ से जुड़ रहे हैं। इसमें भी उत्तर प्रदेश, देश के अग्रणी इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में हमारी खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि आधारित उद्योगों की भी बड़ी भूमिका होने वाली है।
हाल में ही केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के सशक्तीकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। देश में आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाया गया है। उसका लाभ अब हमारी कृषि मंडियों को भी मिलेगा। देश की कृषि मंडियों के तंत्र को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने की तरफ एक बड़ा कदम है। सरकारी खरीद से जुड़े सिस्टम को बेहतर बनाना और किसानों को अधिक विकल्प देना, ये सरकार की प्राथमिकता है। इस बार धान और गेहूं की रिकॉर्ड सरकारी खरीद इसी का परिणाम है।
पीएम ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया। यही कारण है कि सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी में आए अभूतपूर्व सुधार से यहां का जीवन तो आसान हो ही रहा है, कारोबार करने में भी अधिक सुविधा हो रही है। यूपी के कोने-कोने को चौड़ी और आधुनिक सड़कों- एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है। डिफेंस कॉरिडोर, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे इस दशक में यूपी में विकास को नई बुलंदी देंगे।