देश में कोरोना का दूसरा लहर कहर बनकर हर किसी पर टूटा है बच्चे हो नौजवान हो या युवा, हर किसी को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है , सबके साथ मरीजों को बचाने वाले डॉक्टर भी कोरोना के चपेट में आ गए हैं , देश में अब तक 719 डॉक्टरों की जान कोरोना से जा चुकी हैं अगर बात करें तो बिहार में अब तक सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई हैकोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचाया हुआ है. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के संक्रमण की चपेट में आने से अब तक 719 डॉक्टरों की मौतहो चुकी है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से जानकारी दी गई है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से सबसे ज्यादा बिहार में 111, दिल्ली में 109, उत्तर प्रदेश में 79 और पश्चिम बंगाल में 63 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. आईएमए के मुताबिक पिछले साल कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से 748 डॉक्टरों की जान गई थीबता दें कि समय समय पर आईएमए डॉक्टरों से जुड़ी जानकारी देता रहता है. इससे पहले आईएमए ने 3 जून को बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर में अब तक 624 डॉक्टरों की जान जा चुकी है. आईएमए की ओर दी गई जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान झारखंड में 39, तमिलनाडु में 32, केरल में 24, राजस्थान में 43, ओडिशा में 28, झारखंड में 39, गुजरात में 37, महाराष्ट्र में 23, तेलंगानाम में 36 जबकि मध्य प्रदेश में 16 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है
डॉक्टरों की मौत के बारे में सवाल उठाए जाने के बावजूद आईएमए ने डॉक्टरों की वैक्सीनेशन की स्थिति के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि देश में फ्रंट लाइन पर मौजूद हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी को कर दी गई थीबलिदानी डॉक्टरों को मिले कोविड शहीद का दर्जा
आईएमए ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाने वाले डॉक्टरों को उनके बलिदान के लिए कोविड शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और उनके परिवारों को सरकार द्वारा उचित समर्थन दिया जाना चाहिए. आईएमए ने कहा कि कोविड-19 के बाद लंग फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों के सिकुड़न और फंगल संक्रमण की जटिलताएं बढ़ रही हैं और सभी को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है