दिल्ली मैं ट्रैक्टर पर एक की हिंसा के बाद बड़ौत में चल रहे आंदोलन पर यूपी पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ौत में सो रहे हैं किसानों पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया ,बुधवार रात 11:00 बजे अचानक धरना स्थल पर उत्तर प्रदेश प्रशासन पहुंच कर बल प्रयोग कर धरना स्थल को खाली कराया ,पुलिस ने लाठी के बल पर किसानों को घटनास्थल से हटाया
पुलिस प्रशासन ने बुधवार देर रात किसानों से धरनास्थल खाली कराया
इससे पहले दिन में किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों की वार्ता रही थी बेनतीजा
किसानों को हटाने के बाद, सामान लाद ले गई पुलिस
पुलिस की लाठियों से बुजुर्ग सहित कई किसान घायल
दिल्ली हिंसा के बाद बड़ौत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर भी पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंचकर हल्का बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करा लिया। पुलिस फोर्स ने लाठियां फटकार कर किसानों को दौड़ा लिया।
इससे पहले बुधवार दोपहर एसडीएम दुर्गेश बड़ौत के कक्ष मेें एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने किसानों के प्रतिनिधि थांबेदार ब्रजपाल सिंह, चौबासी खाप चौधरी सुभाष सिंह, आचार्य बलजोर सिंह आर्य, विक्रम आर्य और विश्वास चौधरी से बातचीत की।
पुलिस-प्रशासन का कहना था कि धरना समाप्त कर दें। करीब ढाई घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही थी। किसानों ने 31 जनवरी को महापंचायत बुलाने का एलान किया था। रात में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करा लिया।
बुधवार देर रात सीओ बड़ौत पुलिस बल लेकर पहुंचे तो किसानों में मची भगदड़
बड़ौत में धरना दे रहे किसानों से बुधवार दिन में वार्ता बेनतीजा रहने के बाद देर रात पुलिस धरनास्थल पर पहुंची और किसानों पर लाठियां फटकारी। इस दौरान कुछ किसान सो रहे थे तो कुछ रागिनी सुन रहे थे।
पुलिस के पहुंचते ही धरनास्थल पर भगदड़ मच गई। पुलिस किसानों का सामान जबरन लादकर ले गई। इस दौरान एक बुजुर्ग सुमेर सिंह पुलिस की लाठी लगने से घायल हुए हैं। भगदड़ में कुछ किसानों को चोट आई है।
बुधवार को एडीएम अमित कुमार सिंह और एएसपी मनीष मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम ने दिन में ढाई घंटे किसानों से बातचीत की थी। किसान आंदोलन की जिद पर अड़े रहे और 31 जनवरी को महापंचायत का एलान किया।
इसके बाद रात करीब साढ़े 11 बजे सीओ बड़ौत आलोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और टैंट में आराम कर रहे किसानों को लाठियों से खदेड़ना शुरू कर दिया। एकाएक टैंट में घुसी पुलिस देखकर किसानों में भगदड़ मच गई। थांबेदार ब्रजपाल चौधरी का कहना है कि पुलिस उनका सामान लादकर ले गई है। किसान निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे।
पुलिस का रवैया बर्बरता पूर्ण रहा है। सीओ बड़ौत का कहना है कि पुलिस लगातार धरने पर बैठे लोगों को समझा रही थी, लेकिन वह लोग नहीं माने, जिस कारण उन्हें धरने से हटाया गया है। पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह तोमर ने कहा कि आराम कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। किसानों को रात के अंधेरे में दौड़ाया गया है। किसान इमरान प्रधान, दरियाव सिंह, कुलदीप गुराना, सोनू सिनौली, सुमरे सिंह आर्य, अजित सिंह, अजित सिंह एडवोकेट, सागर तोमर एडवोकेट ने भी पुलिस के रवैये की निंदा की।
पुलिस-प्रशासन से ढाई घंटे तक चली वार्ता रही थी बेनतीजा
बड़ौत (बागपत)। तहसील बड़ौत के एसडीएम कक्ष मेें बुधवार को एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र, एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह ने किसानों के प्रतिनिधि थांबेदार ब्रजपाल सिंह, चौबासी खाप चौधरी सुभाष सिंह, आचार्य बलजोर सिंह आर्य, विक्रम आर्य और विश्वास चौधरी से बातचीत की। पुलिस-प्रशासन का कहना था कि धरना समाप्त कर दें।
किसानों का आरोप है कि पुलिस-प्रशासन ने यह भी दबाव बनाया कि दिल्ली में यहां के किसानों ने भी हंगामा किया है, जिन्हें चिह्नित किया जा रहा है। बातचीत ढाई घंटे तक चली। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि किसानों से मशवरा किया जाएगा। आंदोलन किसी एक का नहीं है, इसलिए जब तक सभी किसान सहमत नहीं होंगे, वह यहां से धरना नहीं उठा सकते। दिल्ली में हुए हंगामे में बागपत का कोई किसान नहीं था।
असामाजिक तत्वों ने वहां पर माहौल बिगाड़ा है, पुलिस उन्हें पकड़े, किसानों को झूठा बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। इसके बाद किसान धरनास्थल पर पहुंचे। धरने पर पहुंचकर अधिकारियों के साथ हुई वार्ता का हाल किसानों को बताया गया। किसानों में रोष व्याप्त हो गया।
एनएचएआई का पत्र आज मिला था, जिसमें कहा गया था कि किसानों के धरने की वजह से उनका कार्य रुका हुआ है, हम लोग यहां आए और किसानों से बात की। किसान स्वयं ही चले गए। कुछ बुजुर्ग किसान थे, जिन्हें उनके घर भिजवा दिया गया। किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया है। अमित कुमार सिंह, एडीएम बागपत