नीतीश कुमार के कैबिनेट मंत्री मेवालाल पर उठे बवाल अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं मेवालाल पर एक कहावत सिद्ध होती है कि झट कुर्सी पट जमीन कहने का मतलब यह है कि कैबिनेट में जगह मिलने के बाद मेवालाल अपनी कुर्सी को डेढ़ घंटे भी नहीं बचा पाए और पद संभालने के ठीक डेढ़ घंटे बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया यह नीतीश कुमार की मजबूरी कहें या विपक्ष की अदावत, कहीं ना कहीं मेवालाल भी इस बात को जानते थे कि मुझे इन आरोपों से गुजरना होगा जिस समय वह मंत्री पद ग्रहण कर रहे थे उस समय भी उन्हें इन आलोचनाओं से जूझना पड़ा था और सबसे बड़ी बात तब, जब बिहार के दोनों डिप्टी सीएम रेणु देवी और तारकेश्वर प्रसाद ने मेवालाल के ऊपर लगे आरोपों के बाद बचाव का काम शुरू किया जैसे ही दोनों डिप्टी सीएम बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल के बचाव में आए हैं वैसे ही एक एक एक करके विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा और उनके ट्विटर हैंडल से रेणु देवी और बिहार के डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के पुराने बयानों को भी चलाए जाने लगा जिसमें तारकेश्वर प्रसाद यह कहते हुए दिख रहे हैं कि बिहार के यशस्वी प्रधानमंत्री नीतीश कुमार , इन बयानों से खासी नाराजगी भाजपा के अंदर भी रही थी लेकिन इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए तारकेश्वर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाया गया इस बात में कतई शक नहीं है कि विपक्ष द्वारा करारा प्रहार नीतीश कुमार नहीं झेल पाए और अपने कुनबे के शिक्षा मंत्री मेवालाल को इस्तीफा दिलवाने में कामयाब हुए यह बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नीतीश कुमार जानते हैं की मेवालाल भ्रष्टाचार के मामले में पहले से संलिप्त हैं और उस पर भी विपक्ष का जब करारा प्रहार हो तो और ज्यादा मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं पक्ष में खासी नाराजगी भी उनके इस्तीफे का एक कारण हो सकती है
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने मेवालाल से इस्तीफा देने को कहा था. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी को फिलहाल शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. मेवालाल ने 12:30 बजे अपना कार्यभार संभाला और 2 बजे तक इस्तीफा भी दे दिया.
आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में मेवालाल की कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही थी.
मेवालाल के इस्तीफे को लेकर तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है,उन्होंने लिखा है, ” मा. मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द.”
क्या है मामला
बता दें कि 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपले बाजी करने का आरोप है. उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की. इस मामले को लेकर उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज है
तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है.
हालांकि इस बारे में बात करते हुए मेवालाल चौधरी ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई चार्जशीट दायर नहीं हुई है ना ही मेरे खिलाफ कोर्ट की तरफ से आरोप सिद्ध हुआ है. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं.
आरजेडी के निशाने पर मेवालाल
आरजेडी मेवालाल पर लगातार निशाना साध रही है. आरजेडी मेवालाल की पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही है. मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर बुरी तरह से जल गई थीं. 2 जून 2019 को उनकी मौत हो गई थी.
वहीं मेवालाल चौधरी इस आरोप को लेकर आक्रामक नजर आए थे उन्होंने कहा था कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ 50 करोड़ का मुकदमा दायर करेंगे. उन्होंने कहा कि ” मेरी पत्नी की मौत के मामले में जिस तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं उसको लेकर मैं तेजस्वी को कानूनी नोटिस भेजूंगा और 50 करोड़ का मानहानि का मुकदमा भी करूंगा.’