सरकार के नल-जल योजना से जुडे़ जितने भी ठेकेदार थें जो कही न कही काम कर रहे थे या करा रहे थे, धिरे-धिरे उनके ठिकानो पर काननू की तलवार चलनी शुरू हो गयी है सुञो के अनुसार यह तलवार पुरे बिहार मे हर जगह ठिकेदारो पर लटकेगी और जांच के दायरे मे भी लाने की कवायदें होगीं चुनावी शोरगुल के बिच ही पटना मे प्रमुख चार ठिकानो पर आयकर का छापा पडा ! आयकर विभाग की छापेमारी में इनके ठिकानों से 75 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है, तो वहीं नल-जल योजना से संबंधित एक ठेकेदार के यहां से 2.28 करोड़ का कैश बरामद किया गया है.आयकर विभाग ने शुक्रवार को पटना, हिलसा, कटिहार और भागलपुर में प्रमुख चार ठेकेदारों के यहां एक साथ छापेमारी की.
चारों ठेकेदारों के यहां की गई छापेमारी में 75 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है. इनमें से दो ठेकेदार ऐसे हैं, जो नल-जल योजना से संबंधित हैं. इनमें से एक ठेकेदार के ठिकाने से आयकर विभाग की टीम को 2.28 करोड़ का कैश बरामद हुआ है !वहीं आयकर विभाग ने भागलपुर के ठेकेदार ललन कुमार और उसके भाई सुमन कुमार के यहां से अब तक 82 लाख रुपये का कैश बरामद किया है. इन दोनों भाइयों के यहां से कई एकड़ जमीन खरीदने के सबूत भी बरामद किए गए हैं. इन दोनों भाइयों की लोटस कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड नाम से फर्म है. आयकर विभाग ने जिले की कई पंचायतों में जल-नल योजना में इन ठेकेदार भाइयों को मिले काम का वर्क ऑर्डर भी जब्त किया है. !
वहीं आयकर विभाग द्वारा गया के गिट्टी कारोबारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो इन फर्मों द्वारा फर्जी पेमेंट कर मोटी कमाई की गई है. बोगस फर्म को दी गई 10 करोड़ की राशि ठेकेदारों ने खुद वापस ले ली. 20 करोड़ का भुगतान ऐसी फर्मों को किया गया, जिनका कोई अता पता नहीं है.
वहीं 15 करोड़ का भुगतान लेबर के नाम पर कर दिया गया. वहीं एक अन्य फर्म ने संपत्ति खरीदने के नाम पर 15 करोड़ का निवेश दिखाया है. आयकर विभाग ने सर्वे के बाद 30 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट और 16 करोड़ की संपत्ति निगरानी में रखी है.कोई शक नही जांच की आंच पुरे राज्य का दौरा करेगी और शिकायत मिलने पर कार्रवाई सिधे आयकर विभाग से होगी