हिंद महासागर में दुश्मन के जंगी जहाजों के खिलाफ अपनी निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने 10 शिपबोर्न ड्रोन को तत्काल खरीदने का प्रस्ताव पारित किया है। इन ड्रोन के आने के बाद हिंद महासागर में दुश्मन जहाजों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकती है।
सरकार के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि रक्षा मंत्रालय के समक्ष भारतीय नौसेना द्वारा फास्ट ट्रैक मोड में एक प्रस्ताव लाया गया है। इसके तहत 1,240 करोड़ रुपये से अधिक में नौसेना के लिए 10 शिपबोर्न मानवरहित ड्रोन खरीदने की योजना है।
सूत्रों ने कहा, नौसेना की योजनाओं के अनुसार, ड्रोन को बल के बड़े आकार के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा और इनके आने से भारतीय क्षेत्रीय इलाकों में चीनी युद्धपातों के साथ-साथ अन्य संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी |
नौसेना की योजना के अनुसार, इन ड्रोन की खरीदारी के लिए खुली बोली लगाई जाएगी और फिर निगरानी और टोही गतिविधियों के लिए इसे नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किए जाने की संभावना है।
भारतीय नौसेना संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘सी गार्डियन’ ड्रोन का अधिग्रहण करने के लिए अलग से एक परियोजना पर काम कर रही है। इसका मुख्य लक्ष्य अपनी निगरानी क्षमता को मेडागास्कर से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक और उससे आगे बढ़ाना है। वहीं, नौसेना अपने मौजूदा ड्रोन्स को अपग्रेड प्रोग्राम के हिस्से के रूप में अपग्रेड कर रही है।