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देशभर में सड़कों से केवल बूथ खत्म होंगे, बैंक के माध्यम से चुकाना होगा टोल: गडकरी

भारत को अगले दो वर्षों में ‘टोल बूथ मुक्त’ बनाने की योजना को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि सरकार टोल ही वसूलना बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा, जिसकी मदद से आवाजाही के आधार पर टोल राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान में 8500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 1127 किमी लम्बी 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राज्य में निर्माणाधीन परियोजनाओं के साथ भविष्य में नियोजित परियोजनाओं में से 50 हजार करोड़ की कुल 22 परियोजनाओं की आज घोषणा की। इन परियोजनाओं पर जल्द ही काम शुरू होने का आश्वासन दिया।

गडकरी ने कहा कि सरकार ने टोल बूथ खत्म करने की योजना तैयार की है। टोल बूथ नहीं होने से सड़क पर बिना रुकावट आवागमन हो सकेगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टोल ही रद्द होगा जैसा कई लोगों ने अर्थ निकाला है। उन्होंने सड़क निर्माण के लिए टोल को अनिवार्य बताते हुए कहा कि बिना इसके हजारों करोड़ की सड़कें बनाना संभव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि गडकरी ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार ने देश भर में वाहनों की बिना रुकावाट आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस-आधारित (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) प्रौद्योगिकी टोल संग्रह को अंतिम रूप दे दिया है। इसको लेकर कुछ लोगों ने भ्रम फैलाना शुरू कर दिया कि सरकार अब वाहनों से टोल नहीं लिया करेगी।

गडकरी ने कहा कि अब सभी वाणिज्यिक वाहन वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (जीपीएस) के साथ आ रहे हैं। सरकार पुराने वाहनों में भी इस तकनीक को लगाने के लिए कुछ योजना लेकर आएगी। ऐसे में वाहनों में लगे जीपीएस की मदद से वाहनों के सड़क पर प्रवेश और निकासी की दूरी का आकलन कर इलेक्ट्रानिक सिस्टम की मदद से टोल राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते से काट ली जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क पर टोल बूथ खत्म होने से वाहनों को बैरियर और अन्य रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ेगा। टोल बूथ पर होने वाले झंगडों से भी निजात मिलेगी और पेट्रोल-डीजल की भी बचत होगी।

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आज घोषित 50 हजार करोड़ की 22 नई परियोजनाएं
किशनगढ़ से हनुमानगढ़ 430 किमी, दराह-झालावाड-एलिवेटिड मार्ग 10 किमी, फलोदी से खाटू 220 किमी, सिरसा से चुरू 143 किमी, दौसा से दूदू 137 किमी, शाहपुर से अलवर 87 किमी, रास से मांडल 135 किमी, चारभुजा से बटेभर 140 किमी, संगरिया से केचिया 75 किमी, बाड़मेर बाइपास 22 किमी, सात्योर से धनोरा 12 किमी औरल अलवर से नूहूं 40 किमी शामिल हैं। गडकरी ने कहा कि ये 22 प्रोजेक्ट करीब 3 हजार किमी के हैं। इन पर 50 हजार करोड़ की लागत आएगी। सरकार ये प्रोजेक्ट अगले साल शुरू करना चाहती है।

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