राजस्थान विधानसभा में गहलोत के बगल नहीं, पीछे बैठेंगे सचिन पायलट
राजस्थान में महीनेभर तक चले सियासी संकट के बाद विधानसभा का सत्र शुक्रवार सुबह शुरू हो गया है। इस सत्र में विधानसभा की सीट के अरेंजमेंट में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत, सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री गहलोत के बगल वाली सीट पर नहीं बैठ सकेंगे। पू्र्व उप-मुख्यमंत्री पायलट पिछले सत्र तक गहलोत के बगल वाली सीट पर बैठते थे।
विधानसभा में नए सीट अरेंजमेंट के अनुसार, उप-मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट की सीट को गहलोत के बगल से बदलकर उनके पीछे वाली दूसरी लाइन में कर दिया गया है। सचिन पायलट को 127 नंबर की सीट अलॉट हुई है, जोकि निर्दलीय विधायक श्याम लोढ़ा के बगल की सीट है। वहीं, अब मंत्री शांति धारीवाल मुख्यमंत्री गहलोत के बगल वाली सीट पर बैठेंगे।
पायलट के साथ ही, उनके दो करीबी पूर्व मंत्रियों की सीट में भी बदलाव किया गया है। हाल ही में मंत्री पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी पीछे की लाइन में बैठना होगा। विश्वेंद्र को आखिरी लाइन की 14 नंबर की सीट दी गई है, जबकि रमेश मीणा को पांचवीं लाइन की 54वीं नंबर की सीट मिली है।
दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी का असर राजस्थान विधानसभा में भी देखने को मिल रहा है। कोविड-19 के चलते विधायक विधानसभा में दूर-दूर बैठेंगे। इसके अलावा, 45 अतिरिक्त सीटें विधानसभा में लगाई गई हैं, जिससे विधायक आराम से बैठ सकें। वहीं, विधानसभा में हंगामे की आशंका को देखते हुए सोफा और कुर्सियों को चेन से बांध दिया गया है।
महीनेभर तक चला राजस्थान संकट
राजस्थान संकट महीनेभर पहले तब शुरू हुआ था, जब तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। पायलट अपने करीबी मंत्रियों और विधायकों के साथ दिल्ली, हरियाणा चले गए थे। इस दौरान, पायलट ने दावा किया था कि गहलोत सरकार के पास बहुमत नहीं है। हालांकि, गहलोत ने इसे खारिज करते हुए सौ से अधिक विधायकों के खुद के साथ होने का दावा किया। बाद में, गांधी परिवार के हस्तक्षेप की वजह से राजस्थान संकट दूर हो सका और पायलट ने राजस्थान में वापसी की।