बिहार में प्रारंभिक स्कूलों के लिए 94 हजार सीटों पर चल रही बहाली प्रक्रिया का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. इसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थी सोमवार से फिर से महाआंदोलन करने जा रहे हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि वर्ष 2019 से चल रही बहाली प्रक्रिया को सरकार जान-बूझकर पूरा नहीं करवा रही है और अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. बता दें कि न्यायालय के आदेश के बाद नियोजन इकाइयों में दो फेज की काउंसिलिंग भी करवाई गई थी. लेकिन 38 हजार चयनित अभ्यर्थियों को पहले काउंसिलिंग कराने से कोई फायदा नहीं मिला और बीच में पंचायत चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता ने नियुक्ति पत्र पर रोक लगवा दी.
अब एक तरफ काउंसिलिंग से वंचित अभ्यर्थी सरकार के रवैये से नाराज हैं. तो वहींं, चयनित 38 हजार अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र को लेकर बहुत आक्रोशित हैं. लंबे समय बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षक अभ्यर्थियों के मुद्दे पर न्यूज़ 18 से बातचीत करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव के बाद छठे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी और बचे हुए काउंसिलिंग कराए जाएंगे. साथ ही चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा.पूछे जाने पर भी शिक्षा मंत्री ने नियुक्ति पत्र को लेकर एक बार फिर कोई तारीख नहीं बतायी और कहा कि चुनावी प्रक्रिया के बाद अतिशीघ्र नियुक्ति पत्र देंगे.
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद भी पहले से आंदोलन का एलान कर चुके अभ्यर्थियों को कोई फर्क नहीं पड़ा है. उन्होंने मंत्री पर आरोप लगाते हुए इसे सरकार की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि यह सब उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश है. क्योंकि शिक्षा मंत्री ने इससे पहले भी कहा था कि 15 अगस्त तक नियुक्ति पत्र दे दी जाएगी, फिर दिवाली तक कहा था कि नियुक्ति पत्र मिलेगी लेकिन हर बार वो अपनी कही हुई बात पर कायम नहीं रहते.
अभ्यर्थियों ने मन बना लिया है कि 29 नवंबर से गर्दनीबाग में राज्य भर के शिक्षक अभ्यर्थी महाआंदोलन की फिर से शुरुआत करेंगे. अभ्यर्थी राजेन्द्र प्रसाद, सौरभ कुमार, मुन्नी शुक्ला, गुड़िया चौधरी, मधु झा समेत सभी ने कहा कि वो अपनी जिद पर कायम हैं कि अब सरकार के मौखिक आश्वासन पर भरोसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें नियुक्ति पत्र को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिलता तब तक वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे.